RBI गवर्नर ने जिस e-RUPI का जिक्र किया, आखिर वो है क्या? कैसे करता है काम, जानें सबकुछ
RBI e-RUPI: ई-रुपी मूल रूप से एक डिजिटल प्रीपेड वाउचर है, जो एक कस्टमर्स को उसके फोन पर SMS या QR कोड के रूप में मिलता है.
RBI e-RUPI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांता दास ने क्रेडिट पॉलिसी में ई-रूपी का जिक्र किया. उन्होने कहा 2 अगस्त 2021 को कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस भुगतान के नए टूल ई-रुपी की लिमिट बढ़ाई जा रही है. ई-रुपी मूल रूप से एक डिजिटल प्रीपेड वाउचर है, जो एक कस्टमर्स को उसके फोन पर SMS या QR कोड के रूप में मिलता है. कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ई-रुपी को लॉन्च किया था. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने कहा ई-रुपी (e-RUPI) प्रीपेड डिजिटल वाउचर की लिमिट को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया है. ऐसा करने के बाद ई-रुपी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इससे बड़ा फायदा मिलेगा. अब इस प्रीपेड डिजिटल वाउचर के जरिए 1 लाख रुपए तक की लिमिट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिना पेमेंट ऐप और इंटरनेट बैंकिंग के करता है काम
ई-रुपी कॉन्टैक्टलेस, कैशलेस वाउचर बेस्ड पेमेंट का तरीका है, जो यूजर्स को कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के बिना वाउचर भुनाने में मदद करता है. हालांकि, यह डिजिटल मुद्रा नहीं है, जिसे लाने के लिए RBI विचार कर रहा है.
कैसे फायदेमंद है e-RUPI?
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यूजर्स के पास बैंक खाता होना जरूरी नहीं है, जो दूसरे डिजिटल पेमेंट की तुलना में इसका खास फीचर है. यह आसान, कॉन्टैक्टलेस लेनदेन के लिए 2 फेज प्रोसेस एनश्योर करता है, जिसमें पर्सनल डिटेल शेयर करने की भी जरूरत नहीं होती है. एक दूसरा फायदा यह भी है कि ई-रुपी बेसिक फोन पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल वो यूजर्स भी कर सकते हैं, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या फिर इंटरनेट कनेक्शन नहीं है.
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स्पॉन्सर्स को ई-रुपी से क्या फायदे हैं?
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) को मजबूत करने और ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने में ई-रुपी प्रमुख भूमिका निभा रहा है. वाउचर को फिजिकल फॉर्म में जारी करने की जरूरत नहीं है. इससे लागत में भी कमी आई है. ई-रुपी प्रीपेड वाउचर होने की वजह से सर्विस प्रोवाइडर को रीयल टाइम पेमेंट का भरोसा देता.
किसने बनाया है ई-रुपी?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह वाउचर-बेस्ड पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया था. वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority) के सहयोग से विकसित किया गया है.
कौन से बैंक इसे जारी करते हैं?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ई-रुपी के लिए 11 बैंकों के साथ साझेदारी की है. ये बैंक हैं एक्सिस बैंक (Axis Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), केनरा बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, इंडियन बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया. इसे लेने वाले ऐप्स हैं भारत पे (BharatPe), भीम (BHIM) बड़ौदा मर्चेंट पे, पाइन लैब्स, PNB मर्चेंट पे और YONO SBI मर्चेंट पे. जल्द ही ई-रुपी स्वीकार करने वाले और ज्यादा बैंकों और ऐप्स को शामिल किया जा सकता है.
02:15 PM IST